खुद को ना समझने का मुझसे गुनाह मुझसे हो गया है
सजा बढती जा रही है दिनों ,घंटो के साथ --------
हर बात में समझौते कर ठीक नहीं ये मुझसे हो गया है
समझ घटती जा रही है -व्यंग्य ,तानो के साथ ------
क्या चाहत है मेरी नहीं जाना और साथी छोड़ सो गया है
क्षमता सिमटती जा रही है - रोगों ,भोगो के साथ ------
सजा बढती जा रही है दिनों ,घंटो के साथ --------
हर बात में समझौते कर ठीक नहीं ये मुझसे हो गया है
समझ घटती जा रही है -व्यंग्य ,तानो के साथ ------
क्या चाहत है मेरी नहीं जाना और साथी छोड़ सो गया है
क्षमता सिमटती जा रही है - रोगों ,भोगो के साथ ------
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