क्या आप ने कभी किसी से भी इतना प्रेम किया है कि वो सुख का कारण बन सका हो,अक्सर दर्द वही मिलता है जहा गहराई होती है जज़्बातों मे और जितनी लंबी उम्र होती है सम्बन्धो की कसक दे जाती है पर ये तो कमजोर होना है यदि कोई आपके भावो को समझ नहीं रहा तो उस पर समय नहीं देना चाहिए ,जितना ग्रहण करे उतनी ही अभिव्यक्ति करे मेल रखे लेकिन ऐसे मे अक्सर भावुक लोग पत्थर दिल वालों का शिकार बन जाते है तो उपाय है कि कभी भी अपनी भावुकता या प्रेम की पोल मत खोलिए जो खुद ऐसा होगा वो तो दूर ही नहीं जाएगा और जो आप जैसा होगा वो गैर भी ऐसे ही आएंगे जो आपकी तरह भावुक निश्चल होंगे ।
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