Wednesday, 10 July 2013

रुक जाओ

किसे धिक्कारे और कब तक 

सरकार को -प्रशासन को ?


कोई कहता है माँ बाप संभाले उनकी जिम्मेदारी है 


बिलकुल सही यदि 


जन्म देने का गुनाह 


करोगे तुम अपने बच्चो को 


तो जिन्दा रखने के लिए शस्त्र अस्त्र भी उठाने ही होंगे 


पल पल प्रार्थना करना चाहे पैनी करना निगाह 


जब तक इतना इरादा न कर लो 


जन्म न देना -किसी धर्म के नाम पर 


किसी दाता के नाम पर 


खुद तो काट लेना तानो से भरी जिंदगी 


पर इन नन्हो को खौफ न देना 


रुक जाओ ,रुक जाओ 


माँ पिता बनने  से पहले सोच लो --उनका संभावित भविष्य 


अब बहुत देर से जागना भी


क्या होगा ,जब अंधेरा होने को है 

न्याय की बात वो समझे

 जिनके कंधो पर दायित्व ढोने को है 

चिड़िया चुग गयी खेत देखते रहो दूर से 


तेरे पास तो समय बस सोने को है



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